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उज्जैन कांग्रेस में घमासान: जिला अध्यक्ष की नियुक्ति पर उठे सवाल, महेश परमार की ताजपोशी पर सचिव हेमंत चौहान भड़के; चौहान ने हाईकमान तक की शिकायत!
उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:
मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी ने तीन दिन पहले 71 जिलों के अध्यक्षों की नई सूची जारी की। इस सूची में उज्जैन शहर कांग्रेस अध्यक्ष पद पर मुकेश भाटी को दोबारा जिम्मेदारी दी गई, जबकि उज्जैन ग्रामीण जिला कांग्रेस अध्यक्ष का पद विधायक महेश परमार को सौंपा गया। लेकिन इस नियुक्ति ने संगठन के भीतर असंतोष को हवा दे दी है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव हेमंत सिंह चौहान ने खुले तौर पर विरोध दर्ज कराते हुए इसे जमीनी कार्यकर्ताओं के साथ धोखा बताया है।
नियुक्ति पर उठा विवाद
सूत्रों के मुताबिक, जून महीने में एआईसीसी पर्यवेक्षक रागिनी नायक (शहर अध्यक्ष चयन) और नदीम जावेद (जिला अध्यक्ष चयन) रायशुमारी करने उज्जैन आए थे। कई बैठकों के बाद शहर और जिला अध्यक्ष पद के लिए 5 नाम दिल्ली भेजे गए थे। लेकिन जब शनिवार को आधिकारिक सूची जारी हुई, तो महेश परमार का नाम अचानक सामने आया।हेमंत सिंह चौहान का कहना है कि जिन नेताओं ने दावेदारी पेश की, वे लंबे समय तक इंतजार करते रहे, लेकिन जिस व्यक्ति ने आवेदन ही नहीं दिया, उसे अध्यक्ष बना दिया गया।
हेमंत सिंह चौहान का विरोध
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव हेमंत सिंह चौहान ने सोशल मीडिया और पत्र लिखकर इस फैसले पर आपत्ति जताई। उन्होंने राहुल गांधी, प्रदेश प्रभारी, पीसीसी चीफ और कांग्रेस नेता संजय दत्त तक अपनी शिकायत पहुंचाई है।
चौहान ने कहा:
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“उज्जैन शहर में महापौर, विधायक, पंचायत अध्यक्ष और अब जिला अध्यक्ष—क्या इन सभी पदों के लिए केवल एक ही व्यक्ति योग्य है? बाकी कार्यकर्ताओं को लगातार नज़रअंदाज किया जा रहा है।”
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“यह पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ धोखा है। जिस व्यक्ति ने नाम तक नहीं दिया उसे अध्यक्ष बना दिया गया।”
सोशल मीडिया पर झलका दर्द
हेमंत सिंह चौहान ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी करते हुए अपनी नाराज़गी जाहिर की। उन्होंने कहा:
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“नदीम जावेद जब उज्जैन आए थे तो दिनभर कार्यकर्ता लाइन में लगकर उनसे मिले। रायशुमारी रिपोर्ट में मेरा नाम टॉप पर बताया गया था।”
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“मेरे अलावा भी कई योग्य नेता थे, लेकिन अचानक महेश परमार का नाम घोषित कर दिया गया।”
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“क्या चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस को केवल एक ही उम्मीदवार मिल रहा है? विधायक, महापौर और जिला अध्यक्ष सब एक ही व्यक्ति को बना दिया गया।”
पार्टी मंचों पर भी दर्ज कराई शिकायत
चौहान ने सिर्फ सोशल मीडिया पर ही नहीं, बल्कि पार्टी के आधिकारिक मंचों पर भी अपनी पीड़ा दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि राहुल गांधी, प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी और संजय दत्त को मेल कर अपनी आपत्ति लिखित रूप से भेजी है।
कांग्रेस में असंतोष और कार्यकर्ताओं की नाराज़गी
इस विवाद ने उज्जैन कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान को उजागर कर दिया है। एक ओर राहुल गांधी बार-बार “जमीनी कार्यकर्ताओं को आगे लाने” की बात करते हैं, वहीं दूसरी ओर नियुक्तियों में नेताओं की अनदेखी से कार्यकर्ताओं में नाराज़गी बढ़ रही है। पार्टी के भीतर यह सवाल जोर पकड़ रहा है कि क्या संगठनात्मक पद केवल प्रभावशाली नेताओं के हाथों में ही रहेंगे या फिर वाकई जमीनी कार्यकर्ताओं को मौका मिलेगा।